Dr. Babasaheb Ambedkar's one of favourite History Emperor Napoleon Bonaparte's Story



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                              बाबासाहब को किताबे पढ़ना बचपन से ही पसंद था। जब वह स्कूल में थे तब उनके पढ़ने में एक किताब आयी। जिसका नाम था नेपोलियन बोनापार्ट चरित्र। उनको वह बुक काफी पसंद आयी और उन्होंने नेपोलियन बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की कोशिश की। जब वह प्रवास करते थे और उनके पास प्रवास में कुछ खाली समय होता तब उन्हें नेपोलियन के बारे में पढ़ना अच्छा लगता। नेपोलियन एक सामान्य सैनिक जो एक गरीब ,और हलाकि भरे परिस्तिति पर मात कर के फ्रांस का बादशाह बना था। एक समय उसका लगभग लगभग पुरे यूरोप पे कब्ज़ा था। दुनिया में अब तक सबसे ज्यादा नेपोलियन बोनापार्ट बादशाह पे लिखा जा चूका है। यह ऐसा विषय है जो सबको पसंद आता रहा है। लिकने में भी और पढ़ने में भी। उसी महान नेपोलियन की ये छोटी सी कहानी बाबासाहब को समर्पित। 



                                          नेपोलियन.....


                         नेपोलियन बोनापार्ट एक  ऐसा नाम जिसने यूरोप का नक्शा बदल कर रख दिया।  जो इतिहास में अमर होकर  एक मिसाल बन गया।  नेपोलीयन के ऊपर इतिहासकारो ने सबसे ज्यादा लिखा है।  नेपोलियन हमेशा से ही सबका पसंदीदा विषय रहा है। 

                              एक सामान्य परिवार में जन्मे नेपोलियन ने यूरोप का इतिहास बदल दिया। अपने होसले  और हिम्मत के बलबूते पर वो फ्रांस का बादशाह बन गया। इतिहास में हुए सबसे ताक़तवर और महान  शासको में उसकी गणना होती है।

                   नेपोलियन। ......यह  उस समय  की बात है जब नेपोलियन बादशाह बना था।  एक बार नेपोलियन  अपनी  शाही बग्गी  में बैठकर  फ्रांस की राजधानी  पेरिस के  रस्ते से अपने राजमहल जा रहा था।  उसके साथ बग्गी में पीछे उसके कुछ अधीकारी भी बैठे थे.. नेपोलियन की बग्गी रस्ते से गुजर रही थी तभी सामने से एक सामान्य आदमी आ रहा था वह बादशाह की बग्गी देख  रुख गया। जब बग्गी उसके पास  गयी तब उसने अपनी टोपी उतार बादशाह को अपना सर झुका कर अभिवादन किया।नेपोलियन ने यह देखा  और उसने खुद  बादशाह   नेपोलियन  ने भी अपना सर झुका  कर उस आदमी के अभिवादन का उत्तर दिया।  यह देख बादशाह के अधिकारी हैरान हो गए। उन्होंने बादशाह  से पूछा 'बादशाह आप इतने इतने बड़े बादशाह आपने उसे उत्तर देने की  कोई  आवश्यकता ही नहीं   है। 'नेपोलियन मुस्कुराया और उसने अपने अधिकारियो का प्रश्न का उत्तर दिया "हां मैं जनता हु , लेकिन मैं चाहता हु  की आगे चल के जब इतिहास लिखा जायेगा तब इतिसाहसकारो द्वारा यह न लिखे जाये की रस्ते से चलने वाले सामान्य आदमी के पास जो अभिवादन करने  का कौशल्य था, वह फ्रांस के  बादशाह के पास नहीं था। इसीलिए  मैंने भी  उस उत्तर दिया। "

                यही चीजे नेपोलियन को और शासको  से अलग बनाती है। उसकी सोच काफी आगे की थी उसने फ्रांस पर दस साल  राज किया और इतिहास के सबसे ताक़तवर हूकूमशाहो में से एक बन गया।

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नेपोलियन के महान विचार।


"अनजानी राहोँ पर वीर ही आगे बढ़ा करते हैं कायर तो परिचित राह पर ही तलवार चमकाते हैं।"


 "अवसर के बिना काबिलियत कुछ भी नहीं है।" 


"जो अत्याचार पसंद नहीं करते, उनमे से कई ऐसे होते हैं जो अत्याचारी होते हैं।"  


"मैंने अपने सभी सेनापति कीचड़ से बनाये हैं."


"अगर आप चाहते हैं कि कोई चीज अच्छे से हो तो उसे खुद कीजिये."


" अब मैं आज्ञा का पालन नहीं कर सकता, मैंने आज्ञा देने का स्वाद चख लिया है और अब मैं इसे नहीं छोड़ सकता."


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